तर्ज: पेटीवादक स्वरचित
मैं तो आई शरण तिहारी
हारी रे हारी मैं तो
पल पल हारी
इस दुनिया की प्रभु रीत निराली
सत्य तो हारे, झूठ है भारी
हर पग पर प्रभु ठोकर खाई
तब ही तो पकड़ी बैय्याँ थारी
जीवन बन गया कटी पतंग है
थे बन जाओ डोर हमारी
दीनों के प्रभु नाथ तुम्हीं हो
देर क्यूँ मेरी आई बारी
अवलंबन तेरा हम पायें तो
विपदा कट जाये प्रभु सारी
ऐसी कृपा करो प्रभु 'शोभा' पर
बन जाये, चरण पुजारी
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