शिव भोले दानी पीते (तर्ज: सौ साल पहले)


तर्ज: सौ साल पहले मुझे तुमसे


शिव भोले दानी पीते, भंग का प्याला है
सबसे हैं न्यारे और बड़ा मतवाला है
शिव भोले दानी पीते...

तू जटाजूट वाला, मध्य में गंगा धारे है
संग चन्द्रमा सोहे, जो लगते कितने प्यारे हैं
तू ही एक देव है जो, तीन नयनों वाला है
सबसे हैं न्यारे और...

अंग भस्मी रमाते हो, और फिर भांग चढ़ाते हो
हाथों में है डमरू, जो डम-डम डमरू बजाते हो
देखो रे देखो गल-विच, सोहे अहिमाला है
सबसे हैं न्यारे और...

अम्बर बाघ की छाला, आसन मृगछाला का है
जपते रहते जो मन्त्र, वो दशरथ लाला का है
अपनी ही धुन में पीते, राम-नाम प्याला है
सबसे हैं न्यारे और...

गर राम को पाना, तो धुन भोले की लगा लेना
गर भोले को पाना, तू धुन प्रभु राम की लगा लेना
'शोभा' की झोली भर दो, तू तो दिल वाला है
सबसे हैं न्यारे और...

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