शिव भोले दानी पीते (तर्ज: सौ साल पहले)


तर्ज: सौ साल पहले मुझे तुमसे


शिव भोले दानी पीते, भंग का प्याला है
सबसे हैं न्यारे और बड़ा मतवाला है
शिव भोले दानी पीते...

तू जटाजूट वाला, मध्य में गंगा धारे है
संग चन्द्रमा सोहे, जो लगते कितने प्यारे हैं
तू ही एक देव है जो, तीन नयनों वाला है
सबसे हैं न्यारे और...

अंग भस्मी रमाते हो, और फिर भांग चढ़ाते हो
हाथों में है डमरू, जो डम-डम डमरू बजाते हो
देखो रे देखो गल-विच, सोहे अहिमाला है
सबसे हैं न्यारे और...

अम्बर बाघ की छाला, आसन मृगछाला का है
जपते रहते जो मन्त्र, वो दशरथ लाला का है
अपनी ही धुन में पीते, राम-नाम प्याला है
सबसे हैं न्यारे और...

गर राम को पाना, तो धुन भोले की लगा लेना
गर भोले को पाना, तू धुन प्रभु राम की लगा लेना
'शोभा' की झोली भर दो, तू तो दिल वाला है
सबसे हैं न्यारे और...

नगरी अयोध्या में खुशियाँ (तर्ज: सारी सारी रातें तेरी)



तर्ज: सारी सारी रातें तेरी

नगरी अयोध्या में खुशियाँ तो छाई है
खुशियाँ तो छाई हर्षित लोग-लुगाई है
नगरी अयोध्या में...

रामअवतार भयो सब दौड़े-दौड़े आए हैं
श्याम वरण शोभा देख हर्षाए हैं
गगन में देव ठाड़े दुंदुभि बजाई है
नगरी अयोध्या में...

प्रीत के प्रतीक भाई भरत भी पधारे हैं
राम के अनुज भ्राता लखन तो प्यारे हैं
शत्रुघ्न परम दुलारे सबसे छोटे भाई हैं
नगरी अयोध्या में...

लाड़ले हैं कैकई के दशरथ दुलारे हैं
माता सुमित्रा के आँखों के तारे हैं
कौशल्या की लोरी, प्रभु मन भायी है
नगरी अयोध्या में...

मात-पिता ललन के लाड़ लड़ावे
ठुमके से पग जो धरते मनड़े को भावे
'शोभा' परिवार संग शरण में आई है
नगरी अयोध्या में...