तर्ज: जादूगर सैयाँ
कृष्ण कन्हैया दाऊजी के भईया
आई शरण मैं आज, नैया पार करो
नाव पुरानी डगमग डोले, पार हो कैसे बताओ
सागर गहरा, दूर है मंज़िल, आकर पार लगाओ
माझी बण जाओ प्रभुजी आज नैया पार करो
कृष्ण कन्हैया...
तेरी दया तरुवर की छाया, दे दो प्रभुजी सहारा
सूरज से तपते जीवन पर, बरसाओ बूँदों की धारा
बण जावो नी मेघ मल्हार, नैया पार करो
कृष्ण कन्हैया...
थारी दया हो तो दुःख मिट ज्यावे, मुझको भरोसा भारी
थारी भक्ति बिना नर दुःख पावे, कटे नहीं फंद म्हारी
'शोभा' कर ले भक्ति आज, नैया पार करो
कृष्ण कन्हैया...
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