कैसे प्रभु मैं तुझको मन में बसाऊँ (तर्ज: मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये)


तर्ज: मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये


कैसे प्रभु मैं तुझको मन में बसाऊँ
कैसे आनंद में भर, भजनों को गाऊँ

मन मेरा तार-तार, दिल पर है ताला
आँखों मैं है प्रभु, अश्रुओं की माला
अश्रुओं की हार तुझको कैसे चढ़ाऊँ
कैसे प्रभु मैं तुझको नयन बसाऊँ

दुखों की बेड़ियाँ है, हथकड़ियाँ हाथों में
दिल जैसे जार-जार, ज़माने की बातों में
नमन में हाथों को कैसे उठाऊँ
कैसे मैं चलकर तेरे दर पर आऊँ

दुनिया से हारे 'शोभा', तेरे सहारे
सब के सहारे प्रभु, चरण बिठा ले
चरणों से हाथों को कभी न हटाऊँ
फिर तो मैं चल कर तेरे दर पर आऊँ

तुझको प्रभु मैं अपने नयन बसाऊँ
तुझको प्रभु मैं अपने मन में बसाऊँ
भर-भर आनंद तेरे भजनों को गाऊँ

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