तुझे अपना बना बैठे (तर्ज: लगन तुझसे लगा बैठे)


तर्ज: लगन तुझसे लगा बैठे


तुझे अपना बना बैठे
जो होगा देखा जाएगा

निछावर कर दिया जीवन
तेरे दर्शन को पाने को
खुद हस्ती हम मिटा बैठें
जो होगा देखा जाएगा

दिया है दिल से जो तुम ने
लिया है दिल से वो हम ने
सुधा-सम विष भी पी बैठें
जो होगा देखा जाएगा

पीये हैं अश्क आँखों से
तुझे पाने की ज़िद में हम
तुझे कर्जा लगा बैठें
जो होगा देखा जाएगा

जगत के रंग से क्या जोड़ें
जो हर पल रंग बदलता है
ये श्यामल रंग लगा बैठें
जो होगा देखा जाएगा

डुबाए या किनारा दे
तेरी मर्ज़ी में हम शामिल
तुझे साहिल बना बैठें
जो होगा देखा जाएगा

कभी दर-दर न भटकें, और
किसी दर पर न जाएँगे
तुझे दर पर बिठा बैठें
जो होगा देखा जाएगा

तेरे चरणों में 'शोभा' है
तुझे पाने की धुन में सुन
अब हम जो रूठ बैठेंगे
अकेला खुद को पाएगा

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